नई दिल्ली। भारत के रजिस्ट्रार जनरल ने अस्पतालों को दिया है एक नया आदेश, जिसके तहत नवजात शिशु के जन्म प्रमाण पत्र अस्पताल से छुट्टी मिलने से पहले मां को तुंरत जारी करना अनिवार्य होगा। यह निर्देश इस लिए लागू किया गया है ताकि प्रत्येक नवजात का जन्म प्रमाण पत्र समय पर और सही तरीके से उपलब्ध हो सके।
रजिस्ट्रार जनरल ने यह भी स्पष्ट किया है कि 2023 से डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे इसके उपयोग को विभिन्न सेवाओं में सरल बनाया जा सके। डिजिटल प्रमाण पत्र से नागरिकों को सरकारी योजनाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में सुविधा प्राप्त होगी।
यह कदम विशेष रूप से भारत में बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा और सरकारी प्रक्रियाओं की पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है। जन्म प्रमाण पत्र मतदान से लेकर पासपोर्ट बनवाने तक एक अनिवार्य दस्तावेज है, इसलिए इसे समय पर प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक है।
अस्पताल प्रशासन को इस दिशा में विशेष सतर्कता बरतनी होगी तथा मां और बच्चे दोनों की सुविधा और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखना होगा। नागरिकों को भी अपने नवजात बच्चों का प्रमाण पत्र समय पर प्राप्त करने का अधिकार है और वे इस बात के प्रति सजग रहना चाहिए।
संक्षेप में मुख्य बिंदु:
- नवजात का जन्म प्रमाण पत्र अस्पताल से छुट्टी से पहले मां को अनिवार्य रूप से जारी किया जाएगा।
- 2023 से डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र को प्राथमिकता मिलेगी।
- इस कदम का उद्देश्य बच्चों के अधिकारों का संरक्षण और सरकारी प्रक्रियाओं की पारदर्शिता बढ़ाना है।
- जन नागरिक विभिन्न सरकारी और निजी कार्यों के लिए जन्म प्रमाण पत्र का समय पर उपयोग कर सकेंगे।
- अस्पताल प्रशासन मां और बच्चे की सुविधाओं के प्रति सजग रहेगा।
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