नई दिल्ली में आयोजित शांगरी-ला संवाद के दौरान, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि युद्ध का स्वरूप अब केवल भौतिक मुकाबले तक सीमित नहीं रहा है। आधुनिक युद्ध में भूमि, वायु, समुद्र, साइबर और अंतरिक्ष जैसे कई क्षेत्रों का समन्वित उपयोग किया जाता है।
जनरल चौहान ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर इस नए मल्टी-डोमेन दृष्टिकोण का एक उदाहरण है, जो युद्ध की रणनीतियों में तकनीकी उन्नति और सूचना नियंत्रण की भूमिका को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि भविष्य के संघर्षों में डिजिटल युद्ध और सूचना संचालन का महत्व बढ़ेगा, जो शारीरिक लड़ाई से कहीं अधिक प्रभावी होंगे।
CDS अनिल चौहान द्वारा साझा किए गए 5 मुख्य बिंदु
- तकनीकी नवाचार: भारत अपनी सुरक्षा नीतियों में अत्याधुनिक तकनीकों को आत्मसात कर रहा है।
- मल्टी-डोमेन समन्वय: सेना, वायुसेना, जलसेना के साथ-साथ साइबर सुरक्षा और अंतरिक्ष अभियानों का तालमेल आवश्यक है।
- डिजिटल युद्ध: भविष्य के युद्धों में सूचना और साइबर क्षेत्रों का नियंत्रण सबसे बड़ा हथियार होगा।
- रणनीतिक तैयारी: देश की रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए नई रणनीतियां अपनाई जा रही हैं।
- आधुनिकरण: यह दिशा निर्देश भारत के रक्षा ढांचे को आगामी समय में पूरी तरह बदलने में सहायक होगा।
यह बयान भारत के रक्षा आधुनिकरण और रणनीतिक तैयारी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण संकेत है, जो युद्ध की प्रकृति को आने वाले समय में पूरी तरह परिवर्तित कर सकता है।
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