प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अनिश्चितकालीन यूरोप दौरा कई महत्वपूर्ण दौरों का समावेश करता है, जिसमें साइप्रस और क्रोएशिया भी शामिल हैं। ये दोनों देश यूरोपीय संघ के सदस्य हैं और भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
दौरे के मुख्य उद्देश्य
इस दौरे का लक्ष्य भारत-यूरोप संबंधों को मजबूती प्रदान करना और सहयोग के नए क्षेत्रों को खोलना है। विशेष रूप से, निम्नलिखित पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा:
- द्विपक्षीय साझेदारी का विकास
- व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना
- ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग
- राजनीतिक सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाना
साइप्रस और क्रोएशिया के दौरे
साइप्रस में, प्रधानमंत्री मोदी विशेष रूप से द्विपक्षीय साझेदारी और ऊर्जा सुरक्षा पर ध्यान देंगे। वहीं, क्रोएशिया दौरे में भारत-यूरोप सहयोग को और मजबूर करने के लिए कई महत्वपूर्ण बातचीत और वार्ताएं हुईंगी।
रणनीतिक महत्व
यह पहल यूरोप में भारत की उपस्थिति बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की भूमिका को सशक्त बनाने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है। मजबूत यूरोपीय संबंध भारत के लिए आर्थिक और राजनयिक क्षेत्रों में लाभकारी सिद्ध होंगे।
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