नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण डिप्लोमैटिक संवाद हुआ है जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कनाडा की ओर से G7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। इस आमंत्रण की जानकारी तब सामने आई जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के प्रमुख सलाहकार और आर्थिक मामलों के मंत्री डॉन कार्नी ने प्रधानमंत्री मोदी को सीधे फोन किया।
यह आमंत्रण भारत और कनाडा के बीच बढ़ती हुई द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग को दर्शाता है। G7 शिखर सम्मेलन में भारत की भागीदारी से क्षेत्रीय और वैश्विक आर्थिक मुद्दों पर महत्वपूर्ण संवाद की उम्मीद है।
कनाडा की पहल का महत्व
कनाडा की यह पहल भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में एक कदम है। G7 देश दुनिया के बड़े और प्रमुख आर्थिक शक्तियां हैं, और भारत का इसमें शामिल होना वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में नई संभावनाएं खोल सकता है।
प्रधानमंत्री कार्नी का फोन कॉल
डॉन कार्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह आमंत्रण फोन पर दिया, जो इस संवाद की अनौपचारिकता और विश्वास को दर्शाता है। इससे यह भी पता चलता है कि भारत-कनाडा संबंध उच्च स्तर पर फल-फूल रहे हैं।
G7 शिखर सम्मेलन में संभावित चर्चा के विषय
- वैश्विक आर्थिक सुधार
- जलवायु परिवर्तन और स्थिरता
- वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा
- डिजिटल अर्थव्यवस्था और तकनीकी सहयोग
- राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक साझेदारी
इस प्रकार, प्रधानमंत्री मोदी के इस शिखर सम्मेलन में शामिल होने से न केवल भारत की वैश्विक उपस्थिति बढ़ेगी बल्कि यह क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों को मिलकर हल करने का अवसर भी प्रदान करेगा।
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