नई दिल्ली ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) से पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में शामिल करने का दबाव बढ़ा दिया है। यह कदम भारत के लिए सुरक्षा और वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
भारत का यह موقف विशेष रूप से आतंकवाद वित्तपोषण और पाकिस्तान द्वारा शरणदत्त आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए उठाया गया है। भारत ने FATF को यह भी बताया कि पाकिस्तान अपराधियों और आतंकवाद से जुड़े संगठनों के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं कर रहा है।
FATF की ग्रे लिस्ट उन देशों की सूची है जो आतंकवादी वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित कड़े मानदंडों का पालन नहीं करते हैं, लेकिन उनकी स्थितियों में सुधार करने के लिए काम चल रहा है। पाकिस्तान का ग्रे लिस्ट में शामिल होना उसकी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली में कुछ प्रतिबंधों को जन्म दे सकता है।
इस संदर्भ में, भारत ने निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर जोर दिया है:
- पाकिस्तान में चल रही आतंकवादी गतिविधियों की तत्काल रोकथाम।
- आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ प्रभावी कानूनी कार्रवाई।
- अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मानकों के अनुरूप पारदर्शिता और जिम्मेदारी बढ़ाना।
इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि पाकिस्तान आतंकवाद के विरुद्ध अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव में सुधार करेगा। भारत का यह कदम क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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