नई दिल्ली द्वारा NATO के प्रमुख की रूस से तेल आयात को लेकर दी गई चेतावनी पर अपनी प्रतिक्रिया दी गई है, जिसमें भारत ने अपनी ऊर्जा नीति और प्राथमिकताओं को स्पष्ट किया है।
भारत की प्रतिक्रिया और प्राथमिकताएँ
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने बताया कि:
- भारत अपनी ऊर्जा नीति में बाजार के विकल्पों और वैश्विक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर निर्णय लेता है।
- रूस से तेल आयात पर दोहरे मानदंड लागू करना सही नहीं होगा।
- भारत की सबसे बड़ी प्राथमिकता अपनी ऊर्जा सुरक्षा बनाए रखना है, जो वैश्विक ऊर्जा बाजार की स्थिरता पर आधारित है।
राष्ट्रीय हित और वैश्विक स्थिति
इसके अलावा, रंधीर जायसवाल ने कहा कि भारत:
- अपने राष्ट्रीय हितों के अनुरूप निर्णय लेता रहेगा।
- वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति में किसी भी संभावित व्यवधान से बचाव करना अपनी प्राथमिकता मानता है।
- विश्व की व्यापक ऊर्जा स्थिति को समझते हुए, रूस से तेल आयात को एक सुरक्षित और किफायती विकल्प के रूप में जारी रखता है।
इस बयान से स्पष्ट होता है कि भारत अपने ऊर्जा संसाधनों की उपलब्धता और किफायत को सबसे ऊपर रखता है तथा इसे सुनिश्चित करने के लिए स्वतंत्र निर्णय लेने का अधिकार रखता है।
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