नई दिल्ली में विदेश मंत्री S. जयशंकर ने भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए युद्धविराम में अमेरिकी भूमिका और चीन की सत्ता पर उठाए गए सवालों का जवाब दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि युद्धविराम संभव हुआ भारत की मजबूत सैन्य कार्रवाई के कारण, न कि किसी बाहरी देश के प्रभाव से।
जयशंकर के मुख्य बिंदु
- भारत की सैन्य रणनीतियाँ और कड़ा नियंत्रण युद्धविराम में निर्णायक रहे।
- किसी बाहरी देश की भूमिका इस संघर्ष में प्रमुख नहीं रही।
- भारत की सुरक्षा और अखंडता सर्वोपरि है, और देश की रक्षा के लिए पूरी तरह सक्षम है।
- क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए सभी पक्षों को संयम बरतना चाहिए।
परिप्रेक्ष्य और महत्व
यह बयान उस समय आया है जब भारत-पाक तनाव के दौरान युद्धविराम को लेकर वैश्विक नजरें टिकी थीं। जयशंकर के वक्तव्य से यह स्पष्ट होता है कि भारत ने अपनी स्थिति मजबूत बनाए रखी और कोई बाहरी दबाव स्वीकार नहीं किया।
संक्षेप में, भारत ने अपने रणनीतिक और सैन्य बलों पर भरोसा जताते हुए क्षेत्रीय स्थिरता और अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा को प्राथमिकता दी है।
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