नई दिल्ली: मई 2025 में भारत का वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह 2.01 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो मई 2024 की तुलना में 16.4% अधिक है। यह बढ़ोतरी देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती और व्यापार गतिविधियों में तेजी को दर्शाती है।
इस वृद्धि के मुख्य पहलू इस प्रकार हैं:
- आयातों में 25.2% की वृद्धि।
- घरेलू लेनदेन में 13.7% की मजबूत वृद्धि।
GST संग्रह में यह सुधार सरकार के वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में सहायक सिद्ध होगा और देश के आर्थिक विकास को गति देगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सकारात्मक संकेत है और अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले महीनों में भी GST संग्रह में स्थिर वृद्धि जारी रहेगी।
सरकार ने इस वृद्धि को देश की आर्थिक सुधार और व्यापारिक उत्साह का परिणाम बताया है। इस वृद्धि से कर राजस्व में वृद्धि होगी और विकास कार्यों के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध होंगे।
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