नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने मंगलवार को जोर देकर कहा कि भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र को झूठे तरीके से बोझ या जिम्मेदारी नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत के लिए एक महत्वपूर्ण भूराजनीतिक संपत्ति है।
इस क्षेत्र का स्थान रणनीतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश के पूर्वी सीमाओं को सुरक्षित रखने के साथ ही पड़ोसी देशों के साथ संपर्क स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सिंधिया ने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर के विकास में सुधार और वहां के लोगों की स्थिति मजबूत करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने विभिन्न परियोजनाओं पर भी प्रकाश डाला जो इस क्षेत्र को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में मदद कर रही हैं, जिनमें शामिल हैं:
- विभिन्न विद्युतीय परियोजनाएँ
- सड़क विकास परियोजनाएँ
- कनेक्टिविटी परियोजनाएँ
पूर्वोत्तर की आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षा स्थिति सुधारने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि पूर्वोत्तर को भारत की ताकत के रूप में देखा जा रहा है, न कि किसी बोझ के रूप में।
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