अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नई दिल्ली में भारत और रूस के व्यापार संबंधों पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने इन दोनों देशों की आर्थिक साझेदारी को मृतर्पूर्ति बताया और कहा कि यह साझेदारी उनके लिए महत्वपूर्ण नहीं है।
ट्रंप के बयान का सार
ट्रंप का यह बयान हाल ही में भारत और रूस के बीच बढ़ते व्यापारिक और रणनीतिक सहयोग के समय आया है। उन्होंने कहा:
“वे दोनों अपनी मरी हुई अर्थव्यवस्थाओं को साथ लेकर नीचे जा सकते हैं।”
यह टिप्पणी वैश्विक व्यापार और राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी विवादास्पद मानी जा रही है और इससे दोनों देशों के बीच विकासशील आर्थिक संबंधों पर प्रश्नचिह्न लग सकता है।
विश्लेषकों की प्रतिक्रिया
- ट्रंप के बयान को राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य में हलचल पैदा करने वाला माना जा रहा है।
- विश्लेषकों का मानना है कि इस प्रकार की आलोचना से भारत-रूस के बढ़ते सहयोग पर असर पड़ सकता है।
- ट्रंप की इस आलोचना को विदेश नीतियों में संभावित बदलाव की मांग भी समझा जा रहा है।
भारत-रूस संबंधों की वर्तमान स्थिति
- ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- रक्षा सहयोग के समझौते हुए हैं।
- औद्योगिक क्षेत्र में भी साझेदारी को आगे बढ़ाया जा रहा है।
इस प्रकार, डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान ने एक बार फिर से भारत और रूस के बढ़ते रणनीतिक संबंधों पर राजनीतिक चर्चा को बढ़ावा दिया है।
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