नई दिल्ली ने 2035 तक अपनी नौसेना को सशक्त बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। भारत सरकार ने घोषणा की है कि वे अपनी नौसेना में कुल 200 युद्धपोत और पनडुब्बियाँ शामिल करेंगे। यह कदम क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा और रणनीतिक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए उठाया गया है।
लक्ष्य के प्रमुख बिंदु
- वर्ष 2035 तक 200 से अधिक युद्धपोत और पनडुब्बियों का निर्माण और संचालन।
- समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के साथ-साथ राष्ट्रीय रक्षा क्षमता में सुधार।
- आधुनिक तकनीकों को अपनाकर उन्नत युद्धपोतों का विकास।
- देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए सतत निगरानी और जवाबी कार्रवाई सक्षम बनाना।
भारत की नौसेना का महत्व
भारतीय नौसेना न केवल देश की सुरक्षा का एक अहम हिस्सा है, बल्कि यह समुद्री व्यापार मार्गों की रक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस महत्वाकांक्षा के तहत नई तकनीक, अनुसंधान एवं विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे नौसेना की युद्ध क्षमता में वृद्धि होगी।
संभावित प्रभाव
- क्षेत्रीय प्रभुत्व में वृद्धि और समुद्री सीमाओं की बेहतर सुरक्षा।
- नौसेना बलों की आधुनिकता एवं तत्परता में सुधार।
- रक्षा उद्योग और रुजू कौशल विकास को बढ़ावा।
इस कदम से भारत की रक्षा प्रणाली और समुद्री क्षमताओं को अगले दशक में एक नया आयाम मिलेगा, जिससे भारत विश्व स्तर पर एक मजबूत समुद्री शक्ति के रूप में स्थापित होगा।
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