नई दिल्ली: NATO के जनरल सेक्रेटरी मार्क रूटे ने भारत, ब्राजील और चीन को चेतावनी दी है कि यदि वे रूस के साथ व्यापार जारी रखते हैं, तो उन्हें सेकंडरी सैंक्शंस का सामना करना पड़ सकता है। इस मसले पर भारत ने स्पष्ट कहा है कि वह अपने लाभ और उपलब्ध विकल्पों के आधार पर निर्णय लेगा।
भारत ने कहा कि वह बाजार में क्या उपलब्ध है, उसके अनुसार अपने कदम उठाएगा और किसी भी बाहरी दबाव में नहीं आएगा। रूस से तेल की खरीद भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और भारत इस संबंध में अपने राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखेगा।
मार्क रूटे की यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब वैश्विक राजनीति और ऊर्जा संकट ने कई देशों को जटिल स्थिति में डाल दिया है। भारत ने न केवल अपने व्यापारिक हितों का ध्यान रखा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्थितियों को समझते हुए संतुलित नीति अपनाई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की यह नीति उसकी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ वैश्विक राजनीतिक स्थिरता को ध्यान में रखती है। भारत की यह प्रतिक्रिया स्पष्ट संकेत देती है कि वह स्वतंत्र और विवेकपूर्ण निर्णय लेने में विश्वास करता है।
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