नई दिल्ली: लोकसभा में किरेन रिजिजू ने एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि 1962 के बाद चीन ने भारतीय भूमि में एक इंच भी घुसपैठ नहीं की है। यह बयान हाल ही में भारत-चीन सीमा स्थित स्थिति को लेकर चर्चा के बीच आया है।
उन्होंने कहा कि भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी प्रकार की किसी अन्य देश द्वारा की गई घुसपैठ को अनुमति नहीं दी जाएगी। 1962 के युद्ध के बाद भारत और चीन के बीच सीमा पर कई तरह के तनाव रहे हैं, लेकिन रिजिजू ने स्पष्ट किया कि कोई भी अवैध घुसपैठ भारत की जमीन में नहीं हुई है।
मुख्य बिंदु
- 1962 के बाद चीन ने भारत की जमीन में घुसपैठ नहीं की।
- यह बयान लोकसभा में किरण रिजिजू ने दिया।
- भारत अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
- भारत-चीन सीमा पर तनाव के बावजूद भारत ने अपनी भूमि की अखंडता बनाए रखी है।
सरकार ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि सीमा विवाद को बातचीत और कूटनीति के जरिए शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाना चाहिए। रक्षा मंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी यह भरोसा दिलाया गया है कि देश की सीमाएं सुरक्षित हैं और सुरक्षा बल सतर्कता बनाए हुए हैं।
इस व्याख्यान से यह स्पष्ट होता है कि भारत अपनी सीमाओं को लेकर सख्त नीतियां अपनाए हुए है और किसी भी सीमापारी गतिविधि को गंभीरता से लिया जाता है।
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