नई दिल्ली में मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी अनंथा नागेश्वरन ने हाल ही में जीएसटी सुधारों को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया है। उनका मानना है कि भारत में जीएसटी सुधार उपभोग को बढ़ावा देंगे और इससे दीर्घकालिक आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्यों की जीएसटी 2.0 के लागू होने पर अपनी आय में संभावित नुकसान की चिंता असमय और जल्दबाजी में की जा रही है।
नागेश्वरन ने निम्न बिंदुओं पर जोर दिया:
- उपभोग बढ़ाने का उद्देश्य: जीएसटी सुधारों का मुख्य उद्देश्य देश के भीतर उपभोग को प्रोत्साहित करना है, जिससे आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।
- राज्यों की चिंता असमय: राज्य सरकारों को तुरंत वित्तीय हानि की चिंता नहीं करनी चाहिए बल्कि सुधारों के प्रभाव को समझने के लिए समय लेना चाहिए।
- राजस्व संग्रह में सुधार: जीएसटी 2.0 न केवल राजस्व संग्रह को सुव्यवस्थित करेगा बल्कि कर प्रणालियों में पारदर्शिता और समानता भी लाएगा।
देश भर में जीएसटी 2.0 के सुधारों पर गहन चर्चा जारी है और विशेषज्ञों का मानना है कि ये सुधार कर ढाँचे को अधिक पारदर्शी और समान बनाएंगे। आगामी दिनों में सुधारों के विस्तार और नई घोषणाओं पर नजर रखी जाएगी।
संक्षेप में, नागेश्वरन ने राज्यों से आग्रह किया है कि वे जीएसटी 2.0 के सकारात्मक आर्थिक प्रभावों पर ध्यान केंद्रित करें और जल्दबाजी में वित्तीय नुकसान की चिंता करने से बचें।
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