नई दिल्ली में लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के भाषण के बीच व्यवधान डाला। इस परिस्थिति में गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा, “क्या आप अपने ही विदेश मंत्री पर विश्वास नहीं करेंगे?” यह टिप्पणी विपक्षी नेताओं की हल्ला-गुल्ला के बीच आई, जिससे विवाद और भी बढ़ गया।
अमित शाह की यह प्रतिक्रिया सत्र के कुल माहौल को दर्शाती है जिसमें सरकार और विपक्ष के बीच तीखी टकराव देखने को मिली। ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही बहस में विपक्ष ने सरकार की विदेश नीति और कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए, जबकि सरकार ने विपक्ष के आरोपों को सख्ती से खारिज किया।
गृह मंत्री अमित शाह ने कड़े शब्दों में विपक्ष को उनके रवैये पर फटकार लगाई, जिससे सदन का माहौल गहमागहमी का हो गया। इस घटना से संसद में राजनीतिक संघर्ष पुनः उजागर हुआ है।
इस बहस के दौरान सामने आए गतिरोध और तीव्र संवाद राष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकते हैं। दोनों पक्षों के बीच जारी इस संघर्ष पर निगाहें बनी हुई हैं।
मुख्य बिंदु:
- विपक्ष द्वारा विदेश मंत्री के भाषण के दौरान व्यवधान।
- अमित शाह ने विपक्ष पर विदेशी मंत्री पर विश्वास न करने की निंदा की।
- ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार और विपक्ष के बीच तीव्र बहस।
- संसद में राजनीतिक संघर्ष उभर कर आया।
- इस बहस का राष्ट्रीय राजनीति में विशेष महत्व।
यह घटना कोरोना के बाद संसद में चल रहे राजनीतिक गतिरोध का एक उदाहरण है और आगामी समय में इसके परिणामों पर नजर रखना महत्वपूर्ण होगा।
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