ईरानी राजदूत होसैनी ने भारत के रवैये पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वे समझते हैं कि उनकी अपेक्षाएँ भारत से अधिक हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत को G20 और SCO जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक मंचों पर ग्लोबल साउथ की आवाज़ के रूप में अपनी भूमिका निभानी चाहिए।
होसैनी ने यह टिप्पणी भारत की विभिन्न अंतरराष्ट्रीय नीतियों और निर्णयों की समीक्षा करते हुए की। उनका मानना है कि भारत की सक्रियता और निर्णायक भूमिका अंतरराष्ट्रीय स्थिरता और सहयोग को बढ़ावा देने में सहायक होगी। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि भारत की विदेश नीति को ग्लोबल दक्षिण के हितों को मजबूत करने में प्रभावी होना चाहिए।
इस बयान के बाद भारत की विदेश नीति और उसकी वैश्विक जिम्मेदारियों को लेकर नई बहस शुरू हो गई है। फिलहाल, भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक टिप्पणी जारी नहीं की गई है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- ईरान की अपेक्षा है कि भारत ग्लोबल साउथ के लिए एक मजबूत आवाज बने।
- भारत से उम्मीद की गई है कि वह G20 और SCO जैसे मंचों पर निर्णायक भूमिका निभाए।
- भारत की सक्रिय भूमिका से अंतरराष्ट्रीय स्थिरता और सहयोग को बढ़ावा मिल सकता है।
- विदेश मंत्रालय ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं दी है।
भारत की वैश्विक भूमिका और उससे जुड़ी जिम्मेदारियों पर यह बयान नई बहस को जन्म दे रहा है। वैश्विक मंचों पर भारत की भूमिका को लेकर बढ़ती उम्मीदों को समझना आवश्यक है।
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