नई दिल्ली: वित्तीय वर्ष 2025 में भारत के कुल व्यापार ने महत्वपूर्ण आकड़े दर्ज किए। निर्यात में 6.5% की वृद्धि के साथ आंकड़ा 820.93 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जबकि आयात में 6.85% की बढ़ोतरी के साथ 915.19 अरब डॉलर दर्ज किया गया। इस प्रकार व्यापार घाटा 94.26 अरब डॉलर रहा।
सेवाओं के निर्यात ने मजबूत प्रदर्शन किया, जिससे देश के व्यापार में मजबूती आई। लेकिन कृषि निर्यात की बात करें तो इसमें अपेक्षित तेजी नहीं देखी गई और यह धीमी वृद्धि पर रहा। कृषि क्षेत्र से निर्यातकों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण इस क्षेत्र की वृद्धि प्रभावित हुई।
कृषि निर्यात की धीमी गति के बावजूद, सेवा क्षेत्र ने निर्यात को संभाला और कुल व्यापार को सकारात्मक दिशा दी। विशेषज्ञों का मानना है कि कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नई रणनीतियों एवं सरकारी समर्थन की आवश्यकता है ताकि भारत के कुल व्यापार में संतुलन और मजबूती आ सके।
देश की आर्थिक स्थिति और व्यापार संतुलन पर इस रिपोर्ट का गहरा प्रभाव पड़ेगा। भविष्य में कृषि निर्यात की बढ़ोतरी के लिए सुधार आवश्यक हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- कुल निर्यात: 820.93 अरब डॉलर (6.5% वृद्धि)
- कुल आयात: 915.19 अरब डॉलर (6.85% वृद्धि)
- व्यापार घाटा: 94.26 अरब डॉलर
- कृषि निर्यात में मंदी का प्रदर्शन
- सेवा क्षेत्र के निर्यात ने व्यापार को मजबूती प्रदान की
- कृषि निर्यात को बढ़ाने के लिए नई रणनीतियाँ और सरकारी समर्थन आवश्यक
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