नई दिल्ली में, भारत ने पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि वह विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से प्राप्त धन का एक बड़ा हिस्सा आतंकवादी समूहों को वित्त पोषित करने में लगा रहा है। पाकिस्तान पर विदेशी ऋण का दबाव बहुत अधिक है, जो लगभग 224 बिलियन डॉलर के आसपास है, जो देश की कुल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 70 प्रतिशत है। इस स्थिति से स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान आर्थिक संकट में फंसा हुआ है।
भारत की मांग और वैश्विक संदर्भ
भारत की प्रमुख मांग है कि:
- IMF और विश्व बैंक यह सुनिश्चित करें कि उनके वित्तीय संसाधनों का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए न किया जाए।
- वैश्विक समुदाय को पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन के मुद्दे पर जागरूक किया जाए।
यह कदम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के आतंकवाद के प्रति शामिल होने को रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि, विश्व बैंक और IMF ने इस मामले पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन यह मुद्दा वैश्विक मंच पर गंभीर चर्चा का विषय बन चुका है।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति
- विदेशी ऋण लगभग 224 बिलियन डॉलर है।
- यह ऋण पाकिस्तानी GDP का लगभग 70% है।
- आर्थिक तंगी की स्थिति पाकिस्तान के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस मामले को ध्यान से देख रहा है, और आगे भी गहरी जांच और अपडेट्स के लिए नजरें बनी रहेंगी।
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