July 20, 2025

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निशिकांत दुबे का राज ठाकरे की धमकी पर तंज, उद्धव सेना के इतिहास पर भी दिया वार

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भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे द्वारा गैर-मराठी भाषी नागरिकों को दी गई धमकी पर तीखा जवाब दिया है। यह विवाद हाल ही में महाराष्ट्र में भाषाई तनाव के बीच आया, जहां राज ठाकरे ने मराठी भाषियों के अधिकारों की बात करते हुए अन्य भाषाओं को बोलने वालों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की चेतावनी दी थी।

इस घटना की प्रमुख समयरेखा इस प्रकार है:

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  1. जुलाई 2025 की शुरुआत में MNS प्रमुख ने सार्वजनिक रूप से गैर-मराठी भाषियों को लेकर चिंता जताई और उन्हें महाराष्ट्र छोड़ने की चेतावनी दी।
  2. इसके बाद BJP सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया और प्रेस में प्रतिक्रिया देते हुए इस धमकी की निंदा की।
  3. उन्होंने MNS के पिछले हिंसक इतिहास को याद दिलाते हुए कहा कि ऐसे बयानों से सामाजिक सौहार्द और शांति प्रभावित होती है।

इस विवाद के मुख्य पक्ष हैं:

  • MNS प्रमुख राज ठाकरे, जो मराठी भाषी लोगों की सुरक्षा और सम्मान का दावा करते हुए गैर-मराठी भाषियों को धमकी दे रहे हैं।
  • BJP सांसद निशिकांत दुबे, जिन्होंने ठाकरे के बयान की आलोचना की।
  • महाराष्ट्र सरकार, जो स्थिति नियंत्रण में लाने का प्रयास कर रही है।

सरकार ने मामले पर संयम बरतने और कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। MNS ने अपने बयान के पीछे प्रेरणा को मराठी संस्कृति की रक्षा बताया, जबकि BJP ने इसे देश के एकता और अखंडता के लिए खतरा बताया है।

इस विवाद के तत्काल प्रभाव में महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में तनाव की स्थिति बनी, जिससे नागरिकों में असुरक्षा की भावना उत्पन्न हुई। बाजारों और आर्थिक गतिविधियों पर कुछ दिन के लिए नकारात्मक असर भी देखा गया। राजनीतिक स्तर पर इस मुद्दे ने नए बहस और टिप्पणियाँ जन्म दी हैं।

विशेषज्ञों का दृष्टिकोण:

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  • इस घटना को भाषाई असहिष्णुता की बढ़ती प्रवृत्ति के रूप में देखा गया है।
  • सभी पक्षों को शांति बनाए रखने तथा संवैधानिक दायरे में ही अपनी बात रखने का संदेश दिया गया है।

जनता ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर तीव्र प्रतिक्रियाएँ दीं, जिनमें कुछ ने ठाकरे के रवैये की आलोचना की तो कुछ ने उनकी स्थिति की वकालत की।

आगे के चरण में महाराष्ट्र सरकार भाषाई तनाव को कम करने के लिए दो-तरफा संवाद और सख्त सुरक्षा उपायों पर काम करेगी। केंद्रीय सरकार भी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। आगामी कुछ सप्ताह में इस मामले में कोई नई नीति या आदेश जारी हो सकता है।

ताज़ा अपडेट्स के लिए पढ़ते रहिए Questiqa Bharat

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