पाकिस्तान के पंजाब विधानसभा के सभापति मलिक अहमद खान ने एक जनसभा में पहलगाम हमले के आरोपी और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के उपमुखिया सैमुल्लाह कासम का खुलकर समर्थन किया है, जिससे गहरा विवाद पैदा हो गया है। उन्होंने कासम को एक देशभक्त बताया और कहा कि वह राष्ट्र के लिए लड़ रहे हैं।
इस बयान से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों में चिंता की लहर दौड़ गई है और स्थानीय लोगों में भी रोष व्याप्त है। पहलगाम हमला जम्मू-कश्मीर में एक संवेदनशील क्षेत्र में हुआ था, जहां सैमुल्लाह कासम की सक्रियता खबरों में रही है। भारत सरकार ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है और पाकिस्तान से इस प्रकार की हरकतों को रोकने की मांग की है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे बयानों से तनाव बढ़ सकता है और संबंध प्रभावित हो सकते हैं। मामले की जांच जारी है और सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं। इस विवादित बयान के बाद राजनीतिक हलकों में भी चर्चा तेज हो गई है।
आगे की स्थिति पर सभी की नजरें टिकी हैं।
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