पाकिस्तान ने भारत को कई पत्र लिखकर सिंधु जल समझौता (Indus Waters Treaty) को पुनः बहाल करने का आग्रह किया है। यह पत्र पाकिस्तान की जल संसाधन सचिव सैयद अली मुर्तजा द्वारा भारत सरकार को संबोधित किए गए हैं। हालांकि, इस मामले से परिचित सूत्रों के अनुसार, भारत ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। भारत ने अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखी है और अपने फैसले पर अडिग है।
सिंधु जल समझौते का महत्व
सिंधु जल समझौता दोनों देशों के बीच जल संसाधनों के न्यायसंगत उपयोग को लेकर सर्वोत्तम समझौतों में से एक माना जाता है। इसके माध्यम से दोनों देश सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के जल वितरण को नियंत्रित करते हैं।
पाकिस्तान की मांग
पाकिस्तान की तरफ से समझौता पुनः बहाल करने की मांग इस बात की चेतावनी है कि:
- जल संसाधनों पर विवाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा सकता है।
- यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए चुनौती बन सकता है।
भारत की स्थिति
भारत ने अपनी नीति स्पष्ट करते हुए कहा है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा और जल संसाधन प्रबंधन के लिए आवश्यक कदम उठाएगा। इस मामले में फिलहाल कोई समाधान नहीं दिख रहा है और दोनों देशों के बीच जल विवाद जारी है।
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