चीन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दलाई लामा के जन्मदिन पर दी गई बधाई पर अपनी नाराज़गी जताई है। यह स्थिति दोनों देशों के बीच पहले से चली आ रही सामरिक और कूटनीतिक तनाव को और गहरा सकती है।
दलाई लामा तिब्बत के आध्यात्मिक नेता हैं जिन्हें चीन एक सेपरेटिस्ट मानता है। इसलिए, चीन के लिए मोदी की बधाई एक संवेदनशील मुद्दा है।
चीन की प्रतिक्रिया
- चीन ने इसे भारत की अंतरराष्ट्रीय नीतियों में दखलंदाजी के रूप में देखा है।
- चीन ने भारत से अपनी रजामंदी दर्शाने और ऐसी कार्रवाई न दोहराने का आग्रह किया है।
भारत का रुख
- प्रधानमंत्री मोदी ने केवल एक व्यक्तिगत बधाई दी है, जिसे राजनीतिक संदर्भ से अलग कर देखा जाना चाहिए।
- भारत दलाई लामा के साथ अपने सांस्कृतिक और मानवीय संबंध को महत्व देता है।
- भारत ने इससे पहले भी तिब्बत मुद्दे पर अपनी संप्रभुता और नीतियों का बचाव किया है।
यह विवाद भारत-चीन के बीच जमीनी विवादों और कूटनीतिक खींचतान के बीच एक नया मोड़ साबित हो सकता है। दोनों देशों के लिए संवाद और सहमति बनाना इस स्थिति को शांतिपूर्ण बनाने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
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