बेंगलुरु से सामने आई खबर में, क्रिएट नामक एआई “टेक्स्ट-टू-ऐप” बिल्डर के फाउंडर ध्रुव ने हाल ही में खुलासा किया है कि सोहम पारेख को नियुक्त करने से उनकी कंपनी के समय, संसाधन और ऊर्जा पर कितना बड़ा प्रभाव पड़ा।
ध्रुव ने बताया कि सोहम पारेख की हायरिंग के बाद, स्टार्टअप को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसने उनकी प्रगति को प्रभावित किया। यह निर्णय उनके लिए महंगा साबित हुआ, क्योंकि इसके कारण उनके टीम के महत्वपूर्ण संसाधन व्यर्थ हो गए।
ध्रुव ने कहा कि शुरुआत में उन्हें उम्मीद थी कि सोहम कंपनी के विकास में मदद करेंगे, लेकिन स्थिति उल्टी पड़ गई। इस अनुभव ने उन्हें टीम चयन प्रक्रिया पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया।
यह कहानी स्टार्टअप दुनिया में सही टीम बनाने की अहमियत को रेखांकित करती है, जहां गलत फैसले बहुमूल्य समय और संसाधनों की बर्बादी कर सकते हैं।
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