भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने अपने NDTV को दिए विशेष साक्षात्कार में NISAR सैटेलाइट को “जीवन रक्षक उपग्रह” बताते हुए इस मिशन पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह उपग्रह भारत की अंतरिक्ष में बढ़ती नेतृत्व क्षमता का प्रतीक है और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की मिसाल है।
NISAR सैटेलाइट का उद्देश्य और महत्व
डॉ. नारायणन ने बताया कि NISAR सैटेलाइट का मुख्य मकसद पृथ्वी की सतह और पर्यावरण की निगरानी करना है। इस उपग्रह से प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़ और भूकंप की बेहतर जानकारी मिलेगी, जिससे समय रहते बचाव कार्य किए जा सकेंगे।
तकनीकी पहलू और सहयोग
इस उपग्रह की खासियत इसकी मजबूत तकनीक है जो दो प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियों—ISRO और NASA—के संयुक्त प्रयास से विकसित हुई है। डॉ. नारायणन ने कहा, “NISAR उपग्रह ‘Strength Respects Strength’ की भावना का जीवंत उदाहरण है जो भारत की वैज्ञानिक शक्ति को दर्शाता है।”
वैश्विक प्रभाव
NISAR मिशन से भारत को वैश्विक अंतरिक्ष मंच पर अपनी साख और प्रभाव बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस मिशन की सफलता भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया मुकाम साबित होगी।
डॉ. नारायणन ने इस अनूठे मिशन से जुड़े तकनीकी और वैज्ञानिक पहलुओं पर भी विस्तार से चर्चा की।
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