नई दिल्ली: भारत और ओमान के बीच CEPA (क्लियरेंस एंड इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट) की वार्ताएं लगभग फाइनल स्टेज पर हैं, जो दोनों देशों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इस समझौते का मुख्य फोकस है कामगारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और ओमानीकरण नीति के साथ संतुलन बनाना। भारत ने स्थानीय भर्ती कोटा को फ्रीज करने की मांग की है ताकि प्रवासी भारतीयों के रोजगार सुरक्षित रह सकें।
यह समझौता लगभग 98% उत्पादों के लिए बाजार पहुंच की गारंटी देता है, साथ ही सेवा क्षेत्र में भी उदारीकरण होगा। इसकी प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- उत्पादों की व्यापक बाजार पहुंच।
- सेवा क्षेत्र में उदारीकरण।
- दोनों देशों के बीच आर्थिक और राजनीतिक सहयोग को मजबूत करना।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस समझौते से भारत में रोजगार के नए मौके खुलेंगे और ओमान में भारत की निवेश संभावनाओं को भी बल मिलेगा। यह साझेदारी दोनों देशों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रीय और वैश्विक हितों को पूरा करते हुए लाभदायक साबित हो सकती है।
निष्कर्ष: भारत-ओमान CEPA समझौता न केवल व्यापारिक रिश्तों को बढ़ावा देगा बल्कि कामगारों के हितों की रक्षा और निवेश के अवसरों को भी आगे बढ़ाएगा। दोनों देशों के लिए यह एक मजबूत आर्थिक गठबंधन बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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