ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2025 में भारत का स्थान गिरकर 131वें नंबर पर आ गया है। कुल 148 देशों में से यह दो पद नीचे आया है, और इसका लैंगिक समानता स्कोर केवल 64.1 प्रतिशत है, जो दक्षिण एशिया के देशों में सबसे कम माना जा रहा है।
रिपोर्ट में महिलाओं और पुरुषों के बीच के अंतर को कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उजागर किया गया है, जिनमें शामिल हैं:
- शिक्षा
- आर्थिक अवसर
- स्वास्थ्य
- राजनीतिक सहभागिता
यह स्थिति यह दर्शाती है कि भारत में लैंगिक समानता की दिशा में अभी व्यापक सुधार की आवश्यकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार और समाज को मिलकर महिलाओं के लिए निम्नलिखित कदम उठाने होंगे:
- शिक्षा के अवसर बढ़ाना
- रोजगार के अवसरों में समानता लाना
- राजनीतिक प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देना
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि यदि सुधार नहीं किया गया तो भारत की विकास यात्रा प्रभावित हो सकती है।
भारत की यह पिछड़ी स्थिति दक्षिण एशिया क्षेत्र की लैंगिक समानता की चुनौती को भी दर्शाती है। आगामी वर्षों में बेहतर नीतियों और जागरूकता से इस स्थिति में सुधार संभव है।
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