भारत के निर्यात में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त कमजोर हो रही है, जिससे देश एशियाई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं जैसे चीन, दक्षिण कोरिया और जापान के पीछे छूटता जा रहा है। व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि केवल प्रतिक्रियाशील व्यापार नीति से काम नहीं चलेगा, बल्कि भारत को एक सक्रिय और विस्तारवादी रणनीति अपनानी होगी।
वित्तीय एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की निर्यात वृद्धि दर इन देशों की तुलना में कम है। इसे देखते हुए आवश्यक है कि भारत:
- नई तकनीकों को अपनाए जिससे वैश्विक बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सके।
- विनिर्माण क्षेत्र को सुदृढ़ बनाए जिससे निर्यातकों की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़े।
सरकार को निर्यात प्रोत्साहन नीतियों में सुधार के साथ ही, बीयूआर विनियमन में पारदर्शिता लाने और निर्यातकों को बेहतर सहायता प्रदान करने पर भी ध्यान देना होगा। इसके अलावा, वैश्विक व्यापार बाधाओं से निपटने के लिए रणनीतिक साझेदारियों की भी आवश्यकता है।
संक्षेप में, भारत के लिए निर्यात एक महत्वपूर्ण आर्थिक स्रोत है और इस क्षेत्र में सुधार के प्रयास समय की मांग हैं ताकि देश व्यापार में अपनी स्थिति मजबूत कर सके।
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