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भारत के रूस से तेल आयात को लेकर पश्चिमी आलोचना पर उच्च आयुक्त विक्रम दोरैस्वामी ने सटीक और प्रभावशाली जवाब दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विविध स्रोतों से तेल आयात करता है और इसमें रूस के साथ व्यापार एक महत्वपूर्ण पहलू है।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत किसी एक देश पर निर्भरता कम करने की नीति अपनाता है और यह कदम राष्ट्रीय हितों और आर्थिक स्थिरता को प्राथमिकता देते हुए उठाया गया है। इसी के साथ, उन्होंने इस नीति के पीछे की वास्तविकताओं और आवश्यकताओं को समझाने का प्रयास किया, जिससे विदेशी आलोचनाओं का जवाब मिला।
उच्च आयुक्त विक्रम दोरैस्वामी के मुख्य बिंदु:
- ऊर्जा सुरक्षा: देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना सर्वोच्च प्राथमिकता है।
- विविधता में निवेश: भारत विभिन्न देशों से आयात करता है ताकि कोई भी स्रोत प्रभावित न हो।
- राष्ट्रीय हित: निर्णय देश के व्यापक हितों और आर्थिक स्थिरता के अनुरूप लिए जाते हैं।
- पश्चिमी आलोचनाओं का जवाब: आलोचनाओं को तथ्यात्मक और संयमित तरीके से टाला गया।
भारतीय उच्चायुक्त के इस जवाब ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत की विदेश नीति और व्यापारिक संबंध अपनी परिस्थितियों के अनुसार संतुलित और सोच-समझ कर बनाए जाते हैं। इस प्रकार, तेल आयात को लेकर देश की रणनीति में कोई समझौता या कमजोरी नहीं है।
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