भारत ने हाल ही में बांग्लादेश के साथ व्यापार में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत कई सामानों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह कदम पूर्वोत्तर राज्यों और पश्चिम बंगाल के बंदरगाहों के माध्यम से बांग्लादेश से आने वाले कुछ उत्पादों पर निर्भर करता है।
प्रतिबंधित सामान
- रेडीमेड कपड़े
- प्लास्टिक
- मेलामाइन
- फर्नीचर
- जूस और कार्बोनेटेड पेय
- बेकरी आइटम
- कन्फेक्शनरी
- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ
प्रतिबंध का कारण
यह कार्रवाई बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के विवादित बयान के कारण की गई है, जिसमें उन्होंने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को “समुद्र तक पहुंच नहीं रखने वाले भूमि से घिरे क्षेत्र” बताया था।
प्रतिबंध का प्रभाव
- बांग्लादेश अब अपने उत्पादों को कोलकाता या न्हावा शेवा बंदरगाह के जरिए निर्यात करेगा, जिससे निर्यात लागत बढ़ेगी।
- पूर्वोत्तर राज्यों के विकास पर असर पड़ेगा क्योंकि उच्च पारगमन शुल्क के कारण सीमा पार व्यापार प्रभावित हो रहा है।
- इस कदम को बाजार में पारस्परिकता और संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक बताया गया है।
भारत की इस नीति को निष्पक्ष व्यापार सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लागू किया गया है, जिससे यह सुनिश्चित हो कि बांग्लादेश भारतीय वस्तुओं पर असमान शुल्क न लगाए।
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