नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय (MEA) ने बताया है कि भारत ने हमेशा अपने क्षेत्रीय साझेदारों का संकट के समय पहला समर्थनकर्ता के रूप में साथ दिया है। मंत्रालय की इस बात ने भारत की क्षेत्रीय सहयोग और संकट प्रबंधन में भूमिका को स्पष्ट किया है।
भारत ने पड़ोसी देशों को आपातकालीन सहायता प्रदान करने में तेजी दिखाई है और विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं एवं संकट के समय में अपनी तत्परता का परिचय दिया है। इन पहलों से भारत के क्षेत्रीय संपर्क मजबूत हुए हैं और यह एक विश्वसनीय सहयोगी के रूप में सामने आया है।
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, भारत की नीति क्षेत्र में स्थिरता और विकास को बढ़ावा देने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। पिछले वर्षों में भारत ने निम्नलिखित संकटों के दौरान कई देशों को तुरंत सहायता दी है:
- दैवीय संकट
- महामारी
- अन्य आपदाएँ
भारत के इस प्रयास ने क्षेत्र में आपसी भरोसा बढ़ाया है और विकास के नए अवसर निर्मित किए हैं। इस तरह पूरे विश्व में भारत का नाम एक मजबूत और जिम्मेदार मित्र के रूप में स्थापित हो रहा है।
इस दृष्टिकोण से, भारत ने अपने क्षेत्रीय भागीदारों के संकट के समय मदद करने के लिए अपनी भूमिका सुनिश्चित की है।
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