भारत सरकार ने 2026 के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में वृद्धि का राष्ट्रीय योजना स्तर 2,95,000 स्थान निर्धारित किया है। यह संख्या 2025 की तुलना में 25,000 अधिक है, हालांकि यह कोविड-19 महामारी के बाद के उच्चतम स्तर से 8 प्रतिशत कम है। इस योजना का उद्देश्य भारत में शिक्षा के क्षेत्र को सुधारना और अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सेवाओं को बेहतर बनाना है।
घटना क्या है?
भारत सरकार ने 2026 के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए राष्ट्रीय योजना स्तर (National Planning Level) को 2,95,000 स्थानों तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह संख्या पिछले वर्ष 2025 की तुलना में 25,000 अधिक है, लेकिन कोविड-19 के बाद के उच्चतम स्तर से 8 प्रतिशत कम बनी हुई है। इस योजना का लक्ष्य विदेशी छात्रों की संख्या बढ़ाकर भारत को एक प्रमुख शिक्षा केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
कौन-कौन जुड़े?
यह निर्णय शिक्षा मंत्रालय एवं संबंधित विभागों द्वारा लिया गया है, जिसे उच्च शिक्षा संस्थानों और राज्य सरकारों के साथ समन्वय में लागू किया जाएगा। यह योजना केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति और आर्थिक सुधारों के अनुरूप बनाई गई है।
आधिकारिक बयान/दस्तावेज़
शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह योजना शिक्षा क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगी। नीति सुधारों के माध्यम से विदेशी छात्रों के अध्ययन अवसर बढ़ेंगे और उनका अनुभव बेहतर होगा।
पुष्टि-शुदा आँकड़े
- 2025 में अंतरराष्ट्रीय छात्र संख्या: 2,70,000
- 2026 में लक्ष्य संख्या: 2,95,000
- कोविड-19 के बाद अधिकतम संख्या: 3,20,000
यह वृद्धि भारत के शिक्षा क्षेत्र में विदेशी छात्रों की भागीदारी को बढ़ाएगी।
तत्काल प्रभाव
इस योजना के प्रभाव से उच्च शिक्षा संस्थानों में विदेशी छात्रों की संख्या बढ़ेगी, जो शैक्षिक और आर्थिक क्षेत्र को मजबूत करेगी। विभिन्न राज्यों और शहरी क्षेत्रों में विदेशी निवास और रोजगार से संबंधित सेवाओं पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
प्रतिक्रियाएँ
सरकार ने इसे शिक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और वैश्विक पहचान बढ़ाने वाला कदम बताया है। विपक्षी दलों ने शर्तों और अवसंरचना विकास पर ध्यान देने की सलाह दी है। शिक्षा विशेषज्ञों ने इसे स्वागतयोग्य माना, पर बेहतर नियोजन एवं संसाधनों की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
आगे क्या?
सरकार आगामी महीनों में विस्तार से नीतियां और कार्ययोजना प्रस्तुत करेगी, जिनमें शामिल होंगे:
- विदेशी छात्रों के लिए वीज़ा प्रक्रियाओं में सुधार
- छात्रवृत्तियों में वृद्धि
- शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता में सुधार
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