नई दिल्ली: इजरायल और ईरान के बीच जारी तनाव के कारण भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाना शुरू कर दिया है। दोनों देशों के बीच बढ़ते विरोध और संघर्ष के मद्देनजर, भारत ने अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने की प्रक्रिया और तेज कर दी है।
भारत की कूटनीतिक और सुरक्षा रणनीति
भारत इस समय दोनों देशों के साथ संतुलित कूटनीतिक संबंध बनाए रखने के साथ-साथ वैश्विक शक्तियों के सामने अपनी स्थिति मजबूत करने में लगा है। इस संघर्ष का सीधा असर भारत की विदेश नीति और सुरक्षा रणनीति पर पड़ सकता है, क्योंकि यह क्षेत्रीय स्थिरता और ऊर्जा सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
भारत में सुरक्षा तैयारियाँ
- भारत ने इजरायल और ईरान में फंसे अपने छात्रों और व्यापारियों के सुरक्षित निकास के लिए विशेष सतर्कता बढ़ाई है।
- सरकार द्वारा सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं ताकि इस क्षेत्रीय तनाव का भारत पर न्यूनतम प्रभाव पड़े।
अंतरराष्ट्रीय स्थिति और भारत की भूमिका
अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस जटिल स्थिति की गहरी नजर बनाए हुए है। ऐसे विषम परिस्थितियों में भारत की संतुलित और समझदारी पर आधारित रणनीति काफी महत्वपूर्ण होगी।
भारत इस संघर्ष की छाया से निपटने के लिए अपनी तैयारियों को और भी मजबूत कर रहा है ताकि यह अपनी रणनीतिक और नागरिक सुरक्षा दोनों को सुनिश्चित कर सके।
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