भारत सरकार ने 15 जून 2024 को एक नई प्राकृतिक आपदा प्रबंधन योजना लागू की है, जिसका उद्देश्य देश के विभिन्न भागों में आपदाओं से प्रभावी निपटान करना है। यह योजना विशेष रूप से बाढ़, भूकंप, सूखा और चक्रवात जैसी आपदाओं को नियंत्रित करने पर केंद्रित है।
घटना क्या है?
सरकार ने प्राकृतिक आपदा प्रबंधन के लिए एक विस्तृत सुधार योजना की घोषणा की है, जिसे 15 जून 2024 से लागू कर दिया गया है। यह योजना आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए त्वरित राहत, पुनर्वास और आपदा से पूर्व तैयारी पर जोर देती है। योजना के तहत कई नई तकनीक और प्रौद्योगिकी का भी उपयोग किया जाएगा।
कौन-कौन जुड़े?
इस योजना पर निम्न संस्थान और संगठन सहयोग कर रहे हैं:
- गृह मंत्रालय
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA)
- राज्य सरकारें और स्थानीय निकाय
- विभिन्न सामाजिक संगठन और स्वयंसेवी समूह
आधिकारिक बयान और दस्तावेज़
गृह मंत्रालय ने आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया है कि इस योजना के तहत देशव्यापी आपदा निगरानी तंत्र को मजबूत किया जाएगा। इसके लिए 5000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। संसदीय सत्र में इस योजना पर विस्तृत बहस हुई और सभी दलों ने इसका समर्थन किया।
पुष्टि-शुदा आँकड़े
सरकार ने यह जानकारी दी है कि पिछले पांच वर्षों में भारत में बाढ़ और चक्रवात से प्रभावित क्षेत्रों की संख्या में 30% की वृद्धि हुई है। इसी कारण नई योजना में तकनीकी उन्नयन, टीमों का सशक्तिकरण और सामुदायिक भागीदारी पर विशेष बल दिया गया है।
तत्काल प्रभाव
इस योजना के लागू होने से आपदा प्रबंधन में तेजी आएगी और प्रभावित जनता को राहत एवं पुनर्वास में सहूलियत होगी। प्रभावित इलाकों में बचाव कार्यों का समय कम होगा, जिससे मानवीय क्षति में कमी संभव है। इसके अलावा, स्थानीय आर्थिक व्यवस्था भी त्वरित रूप से पुनर्स्थापित हो सकेगी।
प्रतिक्रियाएँ
सरकार के इस कदम को समाज के विभिन्न वर्गों ने सकारात्मक माना है:
- विपक्षी दलों ने आवश्यक कदम के रूप में समर्थन दिया।
- विशेषज्ञों ने इसे बेहतर आपदा प्रबंधन का महत्वपूर्ण प्रयास बताया।
- उद्योग जगत ने तकनीकी निवेश की सराहना की।
- जनता में उम्मीद की भावना प्रबल हुई।
आगे क्या?
सरकार ने योजना के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए नियमित समीक्षा बैठकें आयोजित करने का निर्णय लिया है। अगले तीन महीनों में सभी राज्यों में योजना के तहत प्रशिक्षण अभियान चलाए जाएंगे। 2025 तक योजना का विस्तार और नई तकनीकें शामिल करने के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।
यह योजना भारत की सुरक्षा अवसंरचना को मजबूत करेगी तथा नागरिकों को बेहतर सुरक्षा और सहायता प्रदान करेगी।
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