भारत में 2022-24 की अवधि के दौरान गरीबों की दैनिक कैलोरी खपत में सुधार के संकेत प्राप्त हुए हैं, जो ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में देखे गए हैं। यह सुधार अमीरों और गरीबों के बीच कैलोरी खपत के अंतर को कम करने में सहायक साबित हुआ है, हालांकि अंतर अभी भी काफी मौजूद है।
मुख्य बिंदु
- सरकार के ताजा डेटा के अनुसार, गरीब तबकों की कैलोरी खपत में सकारात्मक बदलाव आया है।
- गरीबों और उच्च खर्च करने वाले परिवारों के बीच अभी भी कैलोरी खपत का बड़ा अंतर है।
- पोषण स्थिति में सुधार से गरीबों की सेहत बेहतर हो सकती है।
- फिलहाल, यह सुधार पर्याप्त नहीं है और पोषण असमानता को कम करने के लिए अतिरिक्त प्रयास आवश्यक हैं।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि:
- सही नीतियां और लक्षित योजनाएं गरीबों की पोषण स्थिति को सुधारने में अहम रोल निभा सकती हैं।
- यह सुधार देश की समग्र विकास यात्रा के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
देश में पोषण असमानता को खत्म करने के लिए निरंतर प्रयास करना आवश्यक होगा ताकि सभी वर्गों को समान रूप से स्वस्थ जीवन जीने का अवसर मिल सके।
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