भारत रत्न भूपेन हजारिका की शताब्दी वर्ष के अवसर पर ‘गंगा बहती हो क्यों’ शीर्षक से एक विशेष संगीत संध्या का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम ने भूपेन हजारिका के संगीत को आधुनिक और पारंपरिक शैली में प्रस्तुत करते हुए पीढ़ियों को जोड़ा और देशभर के संगीत प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया।
घटना क्या है?
भारत रत्न भूपेन हजारिका की पुण्यतिथि और शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में यह संगीत संध्या आयोजित की गई, जिसमें उनके गीतों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया। विभिन्न कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और कार्यक्रम में भूपेन हजारिका के जीवन और कला की झलक दिखाई गई।
कौन-कौन जुड़े?
- मयुख हजारिका – भूपेन हजारिका के पुत्र और संगीत कलाकार
- अनुप जलोटा – प्रसिद्ध गायक
- अन्य संगीत कलाकार
इन कलाकारों ने भूपेन हजारिका के गीतों को अपनी मधुर आवाज़ में प्रस्तुत किया और उनकी सांस्कृतिक विरासत को युवाओं तक पहुँचाने का प्रयास किया।
आधिकारिक बयान
आयोजन समिति के प्रवक्ता के अनुसार, यह संगीत संध्या भूपेन हजारिका की संगीत यात्रा और योगदान को याद करते हुए आयोजित की गई है। समिति भविष्य में ऐसे आयोजनों को नियमित रूप से आयोजित करने की योजना बना रही है ताकि सांस्कृतिक इतिहास को जीवित रखा जा सके।
तत्काल प्रभाव
इस संध्या ने श्रोताओं में गहरा भावनात्मक प्रभाव डाला और भूपेन हजारिका की लोकप्रियता को पुनः जागृत किया। युवाओं में सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ी और सोशल मीडिया पर भी इस कार्यक्रम को लेकर व्यापक चर्चा हुई, जिससे सम्मान और बढ़ा।
प्रतिक्रियाएँ
सरकार और सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने इस आयोजन की प्रशंसा की। संगीत विशेषज्ञों ने भूपेन हजारिका के योगदान को भारतीय संगीत के विकास में अद्भुत बताया। जनता की सकारात्मक प्रतिक्रिया से यह आयोजन सफल साबित हुआ।
आगे क्या?
आयोजन समिति ने इस प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भविष्य में भी आयोजित करने की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त, भूपेन हजारिका के जीवन और कला पर आधारित डॉक्यूमेंट्री और अन्य परियोजनाओं पर काम चल रहा है, जो भारतीय संगीत और संस्कृति के संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार में सहायक होंगे।
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