भारत रत्न भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती पर “गंगा बहती हो क्यों” नामक एक संगीत संध्या का आयोजन किया गया। यह आयोजन हाल ही में भारत के सांस्कृतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में हुआ, जिसमें प्रसिद्ध संगीतकारों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में भूपेन हजारिका के पुत्र मयुक हजारिका और लोकप्रिय गायक अनुप जलोटा ने अपनी प्रस्तुति दी।
“गंगा बहती हो क्यों” संध्या का उद्देश्य भूपेन हजारिका की संगीत विरासत को सम्मानित करना था, जिन्होंने भारतीय संगीत और साहित्य को समृद्ध किया। इस आयोजन में पारंपरिक और आधुनिक संगीत का मिश्रण प्रस्तुत किया गया, जिससे विभिन्न उम्र के दर्शकों को जोड़ने में सफलता मिली।
कार्यक्रम के मुख्य आयोजन :
- सांस्कृतिक विभाग
- संगीत अकादमियां
इन संस्थाओं ने इस आयोजन के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए। उद्घाटन सत्र में वक्ताओं ने भूपेन हजारिका के योगदान और उनकी रचनाओं के प्रभाव पर प्रकाश डाला।
यह संगीत संध्या देश के कई हिस्सों से संगीतप्रेमियों को आकर्षित करने में सफल रही, जिससे गंगा जैसे पावन नदी और भूपेन हजारिका की संगीत साधना के माध्यम से सांस्कृतिक एकता का संदेश प्रबल हुआ।
कार्यक्रम की सफलता के पहलू :
- सरकारी और निजी कलाकारों का संयुक्त प्रयास
- सांस्कृतिक कार्यक्रमों का समृद्ध स्वरूप
- आने वाले वर्षों में ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा देने का संकल्प
इस संगीत संध्या ने भूपेन हजारिका की यादों को ताजा किया और उनकी संगीत विरासत को आगे बढ़ाने का संदेश दिया। भविष्य में और भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जो देश की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और सम्मानित करेंगे।
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