September 11, 2025

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भारत-रूस-चीन संबंधों का नया रूप: वैश्विक राजनयिक समीकरण पर प्रभाव

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भारत, रूस और चीन के बीच संबंधों में हाल के वर्षों में कई महत्त्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले हैं, जिनका वैश्विक राजनयिक समीकरण पर गहरा प्रभाव पड़ा है। इन तीन देशों के बीच की रणनीतिक साझेदारी और प्रतिस्पर्धा ने न केवल एशियाई क्षेत्र की राजनीतिक दिशा तय की है, बल्कि वैश्विक शक्ति संतुलन को भी प्रभावित किया है।

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भारत-रूस संबंध

भारत और रूस के बीच पारंपरिक रूप से मजबूत रक्षा और आर्थिक संबंध रहे हैं। दोनों देशों ने कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाया है:

  • सैन्य एवं रक्षा सहयोग में बढ़ोतरी।
  • ऊर्जा क्षेत्र में साझेदारी का विस्तार।
  • बilateral व्यापार और निवेश को प्रोत्साहन।

भारत-चीन संबंध

भारत और चीन के संबंधों में न केवल व्यापार बल्कि सीमा विवाद और भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।

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  • दोनों देशों के बीच सीमा विवाद ने तनाव बढ़ाया है।
  • व्यापारिक संबंधों में उतार-चढ़ाव।
  • एशियाई क्षेत्र में सुरक्षा और प्रभाव बढ़ाने के लिए संघर्ष।

रूस-चीन संबंध

रूस और चीन के बीच एक गहरा रणनीतिक गठबंधन विकसित हो रहा है, जो दोनों देशों को आर्थिक, सैन्य और राजनीतिक क्षेत्रों में मजबूती प्रदान करता है।

  • वैश्विक सुरक्षा मुद्दों पर सहयोग।
  • ऊर्जा संसाधनों का साझा प्रबंधन।
  • संयुक्त सैन्य अभ्यास और तकनीकी सहयोग।

वैश्विक राजनयिक समीकरण पर प्रभाव

भारत, रूस और चीन के बीच यह नया संतुलन वैश्विक शक्ति संरचना को प्रभावित कर रहा है, जिसमें:

  1. क्षेत्रीय सामरिक संतुलन में बदलाव आ रहे हैं।
  2. नए आर्थिक गठबंधनों और विकास मॉडल उभर रहे हैं।
  3. वैश्विक संघर्षों में पहलुओं की जटिलता बढ़ रही है।
  4. मल्टीपोलर विश्व व्यवस्था की दिशा में कदम बढ़ रहे हैं।

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