भारत और स्कॉटलैंड के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने के लिए अप्रैल 2024 में कई महत्वपूर्ण पहल की गई हैं। दोनों देशों के प्रशासन ने सामरिक, आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए नए समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते का उद्देश्य व्यापार, शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण, तकनीकी और वैज्ञानिक अनुसंधान को प्राथमिकता देना है।
घटना क्या है?
भारत और स्कॉटलैंड के बीच इस समझौते के अंतर्गत तकनीकी, वैज्ञानिक अनुसंधान, और निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा। विदेश मंत्रालय ऑफ इंडिया और स्कॉटिश सरकार ने एक संयुक्त रोडमैप तैयार किया है, जिसके जरिए व्यापारिक तथा सांस्कृतिक संस्थानों के बीच नियमित आदान-प्रदान सुनिश्चित किया जाएगा। यह समझौता 15 अप्रैल 2024 को दुबई में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में घोषित किया गया।
कौन-कौन जुड़े?
- भारत की ओर से:
- वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
- विदेश मंत्रालय
- भारतीय उच्चायोग
- स्कॉटलैंड की ओर से:
- स्कॉटिश सरकार
- आर्थिक विकास विभाग
- स्कॉटिश उद्योग मंडल
- दोनों देशों के प्रमुख उद्योग समूह, शैक्षिक संस्थान, और सांस्कृतिक संगठन भी सहभागी हैं।
आधिकारिक बयान और दस्तावेज़
वाणिज्य मंत्रालय ने बताया है कि इस सहयोग का उद्देश्य 2025 तक दोनों देशों के बीच व्यापार को 25% से अधिक बढ़ाना है। इसके अतिरिक्त, संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं और स्टार्टअप सहयोग को भी प्राथमिकता दी जाएगी। स्कॉटिश सरकार ने इस समझौते को अभिनव कदम बताते हुए अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर साझा किया है।
पुष्टि-शुदा आँकड़े
2023 में भारत-स्कॉटलैंड के बीच कुल व्यापार 12 अरब अमेरिकी डॉलर था, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी और वित्तीय सेवा क्षेत्र का बड़ा योगदान था। नया समझौता इस व्यापार को 2025 तक लगभग 15 अरब डॉलर तक पहुंचाने की उम्मीद रखता है। इस वृद्धि का लगभग 60% हिस्सा तकनीकी और विनिर्माण क्षेत्रों से आएगा।
तत्काल प्रभाव
- स्कॉटलैंड से जुड़े तकनीकी और शैक्षिक संस्थानों में छात्रों तथा विशेषज्ञों की संख्या में वृद्धि हुई है।
- बाजार में दोनों देशों के उत्पादों की मांग बढ़ी है।
- निवेशकों ने नई परियोजनाओं में रुचि दिखाई है।
- पर्यावरणीय भागीदारी स्वच्छ ऊर्जा प्रयासों को गति देगी।
प्रतिक्रियाएँ
सरकार ने इस समझौते को ‘एक नई शुरुआत’ कहा है। वाणिज्य मंत्री ने इसे भारत के वैश्विक व्यापार को व्यापक बनाने वाला कदम बताया है। विपक्षी दल और आर्थिक विशेषज्ञों ने इसे स्वागत योग्य माना है। स्कॉटिश उद्योग मंडल ने भविष्य में और निवेश को आकर्षित करने की संभावना व्यक्त की है। जनमानस में इस पहल को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया है — कुछ इसे रोजगार अवसर मानते हैं, जबकि अन्य अधिक चर्चा की मांग कर रहे हैं।
आगे क्या?
आगामी तीन महीनों में दोनों सरकारें संयुक्त कार्य समूह बनाकर नए प्रोजेक्ट्स पर कार्य शुरू करेंगी। जुलाई 2024 में भारत में स्कॉटलैंड व्यापार महोत्सव आयोजित होगा, जहां नई समझौतों पर चर्चा होगी। वर्ष 2025 तक इस साझेदारी की समीक्षा कर और विस्तार के अवसर खोजे जाएंगे।
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