नई दिल्ली में 15 जून 2024 को संसद के मानसून सत्र में भूमि सुधार कानून पर व्यापक बहस हुई, जिसमें देश के भूमि स्वामित्व और खेती योग्य जमीन के बेहतर प्रबंधन को लेकर नई रणनीतियाँ प्रस्तावित की गईं। यह विषय इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भूमि सुधार का प्रभाव सीधे किसानों की आय और कृषि उत्पादन पर पड़ता है।
घटना क्या है?
संसद में भूमि सुधार बिल पर चर्चा का उद्देश्य भूमि वितरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना तथा जमीन के उचित उपयोग को सुनिश्चित करना है। यह बिल किसान समुदाय को अधिक सुरक्षा प्रदान करने और कृषि भूमि के अवैध कब्ज़ों को रोकने के लिए बनाया गया है। मानसून सत्र के दूसरे दिन यह विषय सदन में प्रमुखता से उठाया गया।
कौन-कौन जुड़े?
- कृषि मंत्रालय ने इस बिल का समर्थन किया और बताया कि बिल किसानों को उनकी जमीन सुरक्षित रखने का अधिकार देगा।
- विपक्ष ने कुछ आपत्तियाँ जताईं, जैसे भूमिहीन किसानों की स्थिति और लागू व्यवस्था में आने वाली चुनौतियाँ।
- राज्य सरकारों और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी इस बिल पर टिप्पणियां दीं।
आधिकारिक बयान और दस्तावेज़
कृषि मंत्री ने सदन में कहा कि “भूमि सुधार कानून किसान हितैषी होगा और इसके क्रियान्वयन से कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा।” मंत्रिमंडल की ओर से जारी प्रस्तावित दस्तावेज़ में इस विधेयक के तहत 5 लाख करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान लगाया गया है।
पुष्टि-शुदा आंकड़े
- देश में कुल खेती योग्य भूमि का 23% हिस्सा असंगठित तरीके से उपयोग हो रहा है।
- बिल लागू होने से इस श्रेणी को कम करने का लक्ष्य रखा गया है।
- नई नीति से किसानों की आय में 12% की वृद्धि संभव होने का अनुमान है।
तत्काल प्रभाव
कृषि भूमि की बेहतर सुरक्षा से किसानों में विश्वास बढ़ा है और कृषि उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। बाजारों पर भी सकारात्मक प्रभाव देखा गया है, क्योंकि निवेशकों ने कृषि क्षेत्र में निवेश के लिए सहमति जताई है।
प्रतिक्रियाएँ
- सरकार ने बिल की सराहना की है और इसे किसान हित में बताया है।
- विपक्ष ने कहा कि इसे सुनिश्चित किया जाए कि छोटे किसानों को इससे कोई नुकसान न पहुंचे।
- विशेषज्ञों ने पारदर्शिता और निगरानी की आवश्यकता पर जोर दिया है।
- विभिन्न किसान संगठन भी इस बिल का समर्थन कर रहे हैं।
आगे क्या?
- भूमि सुधार कानून को अगले सप्ताह लोकसभा में अंतिम रूप देने की योजना है।
- इसके बाद इसे राज्यों के पास भेजा जाएगा जहां विधायन प्रक्रिया पूरी होगी।
- सरकार ने समस्या निवारण के लिए समन्वय समितियाँ गठित करने का भी आग्रह किया है।
भूमि सुधार कानून से संबंधित आगामी घटनाओं पर निगरानी रखी जाएगी और जनता को समय-समय पर जानकारी दी जाएगी। ताज़ा अपडेट्स के लिए पढ़ते रहिए Questiqa Bharat।
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