मध्य प्रदेश में एक अनोखी ड्राइवर परंपरा देखने को मिलती है जिसमें ड्राइवर अपनी सीट पर बैठते समय एक पैर कार के अंदर रखता है जबकि दूसरा पैर बाहर निकालता है। यह परंपरा खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में आम है और इसका एक सांस्कृतिक तथा व्यावहारिक महत्व है।
परंपरा की वजहें
इस आदत के पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं:
- सहनशीलता: लंबी दूरी की ड्राइविंग में आराम बनाए रखना जरूरी होता है, और इस तरह पैर बाहर निकालना थोड़ी राहत प्रदान करता है।
- सांस्कृतिक प्रभाव: यह परंपरा स्थानीय रीति-रिवाजों और सामाजिक व्यवहारों का हिस्सा हो सकती है।
- आसानी से बाहर निकलना: यदि ड्राइवर को कार से जल्दी बाहर निकलना हो तो पैर बाहर रखकर यह प्रक्रिया तेज हो जाती है।
परंपरा के प्रभाव
यह अनोखी ड्राइविंग परंपरा स्थानीय संस्कृति की अनूठी तस्वीर पेश करती है और साथ ही यात्रियों तथा राहगीरों के बीच आकर्षण का केंद्र बनती है। हालांकि सड़क सुरक्षा के नियमों के दृष्टिकोण से इसे संयमित तरीके से अपनाना चाहिए।
सुरक्षा सुझाव
- सड़क सुरक्षा का पालन करें: ड्राइविंग के समय दोनों पैर कार के अंदर रखना सुरक्षा के दृष्टिकोण से आवश्यक है।
- जागरूकता बढ़ाएं: स्थानीय लोगों को सुरक्षा नियमों के बारे में जागरूक करना चाहिए ताकि यह परंपरा दुर्घटना का कारण न बने।
- परंपरा और सुरक्षा का संतुलन: सांस्कृतिक परंपराओं को बनाए रखते हुए सुरक्षा नियमों का पालन किया जाना चाहिए।
मध्य प्रदेश की यह ड्राइवर परंपरा न केवल स्थानीय जीवनशैली की एक झलक देती है बल्कि इस क्षेत्र की सांस्कृतिक समृद्धि को भी दर्शाती है।
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