महाराष्ट्र के कुछ ग्रामीणों ने अदानी समूह की नई सीमेंट प्लांट स्थापना के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। इन ग्रामीणों का कहना है कि प्लांट से उनके पर्यावरण और जीवनयापन को गंभीर खतरा होगा। वे समझते हैं कि प्लांट के कारण प्रदूषण बढ़ने के साथ-साथ जल स्रोतों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
ग्रामीणों ने जोर देकर कहा कि उन्हें परियोजना के पर्यावरणीय प्रभावों के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी गई है, और उनकी सहमति के बिना यह प्लांट स्थापित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से भी उनकी समस्याओं को सुनने और समाधान निकालने की मांग की है।
ग्रामीणों की मुख्य चिंताएँ
- पर्यावरण प्रदूषण: प्लांट से निकलने वाली धुआं और कचरा आसपास के क्षेत्र को प्रभावित करेगा।
- जल स्रोतों की सुरक्षा: सीमेंट प्लांट की वजह से जल स्तर और जल गुणवत्ता में गिरावट आ सकती है।
- स्वास्थ्य जोखिम: प्रदूषण के कारण स्थानीय लोगों की स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं।
- आर्थिक एवं सामाजिक प्रभाव: खेती और अन्य ग्रामीण आर्थिक गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
ग्रामीणों के द्वारा उठाए गए कदम
- स्थानीय प्रशासन और कंपनी के अधिकारियों से बातचीत करने की कोशिश।
- सरकारी एजेंसियों के समक्ष पर्यावरणीय जांच की मांग।
- प्रदर्शन और विरोध रैलियों का आयोजन।
- मीडिया के माध्यम से अपनी आवाज़ उठाना।
इस विरोध के कारण अदानी समूह को भी परियोजना के सामाजिक और पर्यावरणीय पहलुओं पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। ग्रामीणों की मांग है कि उनके साथ संवाद करके पर्यावरण संरक्षण और उनके हितों की रक्षा की जाए।
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