अभिनेत्री रेणुका शाहाने ने महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद पर अपनी स्पष्ट टिप्पणी दी है। उन्होंने कहा कि भाषा किसी पर ज़बरदस्ती थोपने वाली चीज़ नहीं है। यह वक्तव्य महाराष्ट्र में बढ़ते सामाजिक तनाव के बीच आया है जहां मराठी और हिंदी भाषी समुदायों के बीच मतभेद उभर रहे हैं।
शाहाने ने अपनी राय में जोर दिया कि:
- भाषा का चयन व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है।
- भाषा सांस्कृतिक पहचान से जुड़ी होती है।
- इस विषय में सहिष्णुता और समझ का होना अत्यंत आवश्यक है।
उनकी इस टिप्पणी से महाराष्ट्र के सामाजिक संवाद को एक नए और सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने का अवसर मिलता है, जो भाषा आधारित मतभेदों को कम करने में सहायक हो सकता है।
ज़्यादा कहानियां
लोकसभा में डेटा संरक्षण विधेयक पारित: जानिए क्या है इसका मतलब
लोकसभा में डेटा संरक्षण विधेयक पारित, नागरिकों को मिला नया सुरक्षा कवच
सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त नियम अपनाए