July 21, 2025

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महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी भाषा संघर्ष पर रेणुका शाहाने की Podcast में चर्चा

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भारतीय अभिनेत्री और टीवी प्रस्तुतकर्ता रेणुका शाहाने ने महाराष्ट्र में हिंदी और मराठी भाषा संघर्ष पर हाल ही में एक पॉडकास्ट में अपने विचार साझा किए। इस चर्चा में उन्होंने भाषाई समावेशिता और सांस्कृतिक सम्मान पर जोर देते हुए मुंबई जैसे बहुभाषी शहर की सामाजिक एकता को बनाए रखने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

घटना क्या है?

रेणुका शाहाने ने महाराष्ट्र में हिंदी और मराठी भाषाओं के बीच उत्पन्न विवाद पर सशक्त संवाद प्रस्तुत किया। उन्होंने भाषाई विविधता को समाज की समृद्धि माना और स्थानीय भाषाओं का सम्मान करने के साथ-साथ सभी भाषाओं के बीच सहिष्णुता और समावेशन की आवश्यकता पर बल दिया। यह विवाद महाराष्ट्र में पहले से सक्रिय भाषाई विवादों से जुड़ा हुआ है, जहां मराठी भाषा की रक्षा और हिंदी के बढ़ते प्रभाव को लेकर मतभेद चल रहे हैं।

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कौन-कौन जुड़े?

  • रेणुका शाहाने – मुख्य वक्ता
  • महाराष्ट्र सरकार का भाषा विभाग – भाषाई सौहार्द बनाए रखने की अपील
  • स्थानीय सामाजिक संगठन एवं भाषाई समूह
  • मुंबई के नागरिक, जो दोनों भाषाओं का मिश्रण करते हैं

आधिकारिक बयान

महाराष्ट्र भाषा विभाग ने कहा है कि प्रदेश में सभी भाषाओं का सम्मान किया जाएगा और किसी भी भाषा के प्रति असहिष्णुता को रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे। इसके साथ ही विभाग ने भाषाई सौहार्द को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों की शुरुआत करने की घोषणा की है।

तथ्य और आँकड़े

  • महाराष्ट्र में मराठी को राजभाषा का दर्जा प्राप्त है।
  • हिंदी भी महाराष्ट्र में व्यापक रूप से बोली जाती है।
  • मुंबई में हिंदी और मराठी भाषी आबादी क्रमशः लगभग 45% और 40% है।

तत्काल प्रभाव

यह मुद्दा मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में भाषाई तनाव बढ़ा सकता है, जिससे सार्वजनिक जीवन और प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो सकते हैं। यह बहुभाषी समाज में एकता बनाए रखने की चुनौतियों को भी सामने लाता है।

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प्रतिक्रियाएँ

  • सरकार ने संवाद और समझौते की पहल की है।
  • विपक्षी समूह और कुछ सामाजिक संगठन अधिक कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
  • भाषाविद् और विशेषज्ञ सांस्कृतिक सम्मान के पक्ष में हैं और संवाद से समाधान सुझा रहे हैं।

आगे क्या?

महाराष्ट्र भाषा विभाग आगामी महीनों में विभिन्न भाषाई समूहों के संवाद सत्र आयोजित करेगा। मुंबई में भाषाई सहयोग बढ़ाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी प्रस्तावित है। यह पहल बहुभाषी शहर के सामाजिक सद्भाव को मजबूत करने के उद्देश्य से की जा रही है।

ताज़ा अपडेट्स के लिए पढ़ते रहिए Questiqa Bharat।

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