पिछले वर्ष भारत और मालदीव के बीच हुए कूटनीतिक तनाव के बाद अब दोनों देशों के रिश्तों में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिल रहा है। उस समय, तीन मालदीवियन मंत्रियों के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दिए गए बयानों ने दोनों देशों के बीच तनाव पैदा कर दिया था और इस दौरान मालदीव का झुकाव चीन की ओर हो गया था।
हाल ही में, एक पूर्व मालदीवियन मंत्री ने भारत और प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए उनकी महानता और क्षेत्रीय शांति हेतु किए गए प्रयासों को सराहना दी है। इस मंत्री ने बताया कि भारत ने हमेशा क्षेत्रीय शांति और विकास के लिए सहयोग प्रदान किया और मुश्किल समय में मालदीव के साथ मजबूत खड़ा रहा है।
रिश्तों में सुधार के कारण और असर
यह बदलाव दर्शाता है कि दोनों देशों ने अपनी पुरानी गलतफहमियों को पीछे छोड़कर सहयोग की नई राह चुनी है। अब भारत और मालदीव के बीच कूटनीतिक, राजनीतिक और आर्थिक संबंधों को नई दिशा मिल रही है, जो क्षेत्रीय स्थिरता के लिए सकारात्मक है।
आगामी पहल और बैठकें
दोनों देशों के बीच मित्रता को और मजबूत बनाने के लिए आने वाले महीनों में कई उच्च स्तरीय बैठकें आयोजित करने की योजना है। मालदीव की वर्तमान सरकार भी भारत के साथ बेहतर और घनिष्ठ रिश्ते स्थापित करने को अपनी प्राथमिकता मान रही है।
संक्षेप में, यह दोनों देशों के बीच सहयोग की भावना को पुनर्जीवित करने और क्षेत्रीय संयोजन को बढ़ावा देने वाली एक सकारात्मक पहल है।
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