मुंबई में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने केंद्र सरकार पर कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने हिंदी भाषा को ज़बरदस्ती थोपे जाने के आरोप लगाए और राज्य मंत्री अमित शाह के अंग्रेज़ी भाषा को लेकर विवादित बयान की भी आलोचना की। ठाकरे ने यह भी पूछा कि जब नेता रविशंकर प्रसाद और लालकृष्ण आडवाणी मिशनरी स्कूल गए थे, तब उनकी हिंदुत्व विश्वसनीयता पर कोई संदेह क्यों नहीं किया गया, और क्या इसीलिए उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाना सही है?
राज ठाकरे ने भाषाई मुद्दों पर अपना स्पष्ट موقف रखते हुए कहा कि प्रत्येक भाषा का सम्मान होना चाहिए और देश के बहुभाषी स्वभाव को स्वीकार किया जाना चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि किसी एक भाषा को जबरदस्ती लागू करना देश की विविधता को प्रभावित कर सकता है।
ठाकरे ने महाराष्ट्र और पूरे देश में भाषाई समानता की जरूरत को लेकर केंद्र सरकार से पुनः विचार करने की अपील की है। वे इस विषय पर अक्सर मुखर रहते हैं और अपनी बात सीधे तौर पर व्यक्त करते हैं।
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