मुंबई: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के लिए नए नियम बनाए हैं, जिनका उद्देश्य देश के शेयर बाजार में अधिक निवेश आकर्षित करना है। इन नियमों के माध्यम से, विदेशी निवेशकों को भारत में निवेश करने की प्रक्रिया सरल और सुविधाजनक बनाई गई है ताकि भारतीय बाजार में स्थिरता और विकास बना रहे।
SEBI के नए नियमों की प्रमुख बातें
- एफपीआई के प्रवेश नियम आसान: निवेश प्रक्रिया में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को कम प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा, जिससे उनकी भागीदारी बढ़ेगी।
- आईपीओ प्रक्रिया में सुधार: बड़ी भारतीय कंपनियों के प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के लिए जारी आकार को ढीला किया गया है, जिससे अधिक निवेशकों को मौके मिलेंगे।
- एंकर निवेशकों की श्रेणी में विस्तार: बीमा कंपनियों और पेंशन फंड्स को भी आईपीओ के एंकर निवेशकों के रूप में शामिल किया गया है, जिससे यह संस्थान भी शुरुआती निवेश का लाभ उठा सकेंगे।
इन सुधारों का प्रभाव
- भारतीय इक्विटी बाजार अधिक प्रतिस्पर्धी और निवेशकों के लिए आकर्षक होगा।
- विदेशी निवेश के लिए भारतीय बाजार अधिक सुगम होगा।
- इन बदलावों से आर्थिक विकास में तेजी आने की संभावना है।
यह सुधार प्रधानमंत्री निवेशकों के भरोसेमंद और स्थिर बाजार का निर्माण करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके परिणामस्वरूप, भारत का शेयर बाजार वैश्विक निवेशकों के लिए और भी अधिक आकर्षण का केंद्र बनेगा।
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