मॉनसून सत्र में सरकार ने संसद को दिए गए विस्तृत ब्योरे में देश की आर्थिक और राजनीतिक स्थितियों पर गहन चर्चा हुई। इस सत्र का आयोजन 17 जुलाई 2024 से 18 अगस्त 2024 तक किया गया, जिसमें कई महत्वपूर्ण नीतिगत कदमों और आँकड़ों को पेश किया गया।
घटना का विवरण
मॉनसून सत्र की शुरुआत 17 जुलाई 2024 को हुई। इस दौरान सरकार ने निम्नलिखित महत्वपूर्ण जानकारियाँ संसद सदस्यों को प्रदान कीं:
- चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीनों में 7.1% की जीडीपी वृद्धि।
- वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में 12% की वृद्धि।
- कृषि, रोजगार तथा स्वास्थ्य क्षेत्र में नई योजनाओं का कार्यान्वयन।
प्रमुख पक्ष और भूमिका
इस सत्र में निम्नलिखित मुख्य पक्षों ने भूमिका निभाई:
- केन्द्र सरकार के वित्त मंत्रालय, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, तथा नीति आयोग।
- विपक्ष के विभिन्न दलों के सदस्य।
- प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) द्वारा आधिकारिक प्रेस रिलीज़ जारी की गई।
आधिकारिक बयान और आर्थिक सर्वेक्षण
- कोविड-19 महामारी के बाद त्वरित आर्थिक पुनःस्थापना का विवरण प्रस्तुत किया गया।
- वित्त मंत्री ने संसदीय भाषण में आर्थिक प्रगति का उल्लेख किया।
- मई 2024 में रोजगार सृजन में 8% की वृद्धि की सूचना मिली।
तत्काल प्रभाव
सरकार द्वारा प्रस्तुत आकंड़ों के बाद बाज़ारों में सकारात्मक प्रभाव देखा गया:
- शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों में लगभग 1.5% की वृद्धि।
- रोजगार के अवसर बढ़ने से उपभोक्ता विश्वास में वृद्धि।
- किसानों के लिए नयी कृषि योजनाएँ दूर-दराज इलाकों तक पहुँचना।
प्रतिक्रियाएँ
सत्र में विभिन्न प्रतिक्रियाएँ सामने आईं:
- सरकार ने आर्थिक प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।
- विपक्ष ने कुछ नीतिगत सुधारों की आवश्यकता जताई।
- विशेषज्ञों ने इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षा क्षेत्र में वृद्धि पर जोर दिया।
- उद्योगपतियों ने निवेश बढ़ाने की इच्छा जताई।
आगे की योजना
सरकार ने आगामी कदमों के रूप में निम्नलिखित घोषणाएँ की हैं:
- अक्टूबर 2024 में केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया जाएगा।
- नई सूचना प्रौद्योगिकी नीति पर संसद में चर्चा।
- आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण को एकसाथ बढ़ाने पर विशेष ध्यान।
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