मॉरीशस के प्रधानमंत्री 9 सितंबर को भारत का दौरा करेंगे, जो दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
दौरे का महत्व
मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने इससे पहले मई 2014 में भारत का दौरा किया था, जब वे प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने वाले एकमात्र गैर-SAARC नेता थे। इस बार के दौरे में कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा होने की संभावना है।
मुख्य चर्चा के विषय
- आर्थिक सहयोग: दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा।
- सांस्कृतिक संबंध: सांस्कृतिक आदान-प्रदान और मित्रता को मजबूत करने के लिए पहल की जाएंगी।
- सामरिक सहयोग: सुरक्षा और सामरिक क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने की दिशा में बातचीत होगी।
भारत-मॉरीशस संबंध
भारत और मॉरीशस के बीच परंपरागत रूप से घनिष्ठ संबंध रहे हैं। यह दौरा इन संबंधों को और गहराई देगा और विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी को प्रमोट करेगा।
वैश्विक कूटनीति पर प्रभाव
मॉरीशस के प्रधानमंत्री के दौरे से भारत के पश्चिमी महाद्वीप के साथ वैश्विक कूटनीति में मजबूती आएगी और क्षेत्रीय प्रभाव भी बढ़ेगा।
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