रूस के विज्ञान और उच्च शिक्षा उप मंत्री कॉन्स्टेंटिन मोगिलेव्स्की ने विश्वविद्यालय स्तर पर हिंदी अध्ययन को बढ़ावा देने की मांग की है। इस पहल का उद्देश्य भारत और रूस के बीच शैक्षिक और सांस्कृतिक सहयोग को और अधिक प्रगाढ़ बनाना है।
मुख्य बिंदु
- हिंदी भाषा का अध्ययन रूस के लगभग 10 विश्वविद्यालयों में हो रहा है, जहाँ लगभग 500 छात्र अध्ययनरत हैं।
- आगामी 5 वर्षों में इस संख्या को दोगुना करने की योजना है।
- भारत से हिंदी शिक्षकों की तैनाती और पाठ्यक्रम विकास इस योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- दोनों देशों के शिक्षा मंत्रालय ने इस पहल के लिए दोतरफा चर्चा की है और समर्थन दिया है।
- छात्र विनिमय कार्यक्रमों को भी तेजी से लागू किया जाएगा ताकि सांस्कृतिक और भाषा आदान-प्रदान सुगम हो सके।
प्रमुख महत्व
कॉन्स्टेंटिन मोगिलेव्स्की के अनुसार, हिंदी भाषा सीखने से रूस और भारत के बीच आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक संबंध मजबूत होंगे। इससे दोनों देशों के युवाओं के बीच संपर्क और समझ में वृद्धि होगी।
पुष्टि-शुदा आँकड़े
- रूस में हिंदी भाषा के पाठ्यक्रम मौजूद हैं।
- वर्तमान में लगभग 500 छात्र हिंदी अध्ययनरत हैं।
- आने वाले वर्षों में छात्रों की संख्या दोगुनी करने का लक्ष्य।
- भारत से शिक्षकों की तैनाती और पाठ्यक्रमों का विकास।
प्रतिक्रियाएँ
भारतीय शिक्षा विशेषज्ञों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने वाला बताया है। रूस के विश्वविद्यालय अधिकारी भी इसे छात्र अवसरों के लिए लाभकारी मान रहे हैं। विपक्षी दलों ने इसे दोनों देशों के बीच दोस्ती का प्रतीक बताया है।
आगे की योजना
अगले छह महीनों में पाठ्यक्रम विन्यास, शिक्षकों के चयन और प्रशिक्षण के कार्यक्रम बनाए जाएंगे। इसके साथ ही छात्र विनिमय कार्यक्रमों को विस्तार दिया जाएगा। यह पहल भारत और रूस के बीच सांस्कृतिक, शैक्षिक और आर्थिक सहयोग को नई दिशा प्रदान करेगी।
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