भारतीय रेल मंत्रालय ने 15 जून 2024 को एक नई डिजिटल टिकटिंग प्रणाली लागू की है, जिसका उद्देश्य यात्रियों के लिए टिकट बुकिंग को सरल, तेज और सुरक्षित बनाना है। नई प्रणाली के माध्यम से टिकट बुकिंग के समय में 30 प्रतिशत की कमी और कन्फर्मेशन रेट में सुधार की उम्मीद की जा रही है।
घटना क्या है?
भारतीय रेलवे ने अपनी मौजूदा टिकटिंग प्रणाली में उन्नत डिजिटल तकनीक जोड़ी है, जिससे यात्री स्मार्टफोन और कंप्यूटर पर एक नया इंटरफेस उपयोग कर सकेंगे। यह प्रणाली साइबर सुरक्षा मानकों के अनुरूप विकसित की गई है, जो टिकट बुकिंग और कैंसिलेशन के कार्यों को सहज बनाएगी।
कौन-कौन जुड़े?
इस परियोजना का संचालन रेल मंत्रालय के तहत भारतीय रेलवे के डिजिटल और तकनीकी विभाग ने किया है। सरकार ने इसके लिए 250 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। इसके अतिरिक्त, रेलवे पार्किंगिंग और आईटी कंपनियों के निजी भागीदारों ने भी इस प्रणाली के विकास में सहयोग किया है।
आधिकारिक बयान/दस्तावेज़
रेल मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने बताया कि नई प्रणाली वर्ष 2024 के अंत तक देशभर के सभी रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध होगी। इससे ग्राहकों को तेजी से सेवा प्रदान होगी और धोखाधड़ी की घटनाओं में कमी आएगी। संसदीय मॉनसून सत्र में इस प्रणाली के सफल डेमोंस्ट्रेशन का भी उल्लेख किया गया।
पुष्टि-शुदा आँकड़े
- पिछले वित्त वर्ष में रेलवे टिकटिंग में 15 प्रतिशत वृद्धि
- नई प्रणाली लागू होने के बाद टिकट मांग प्रतिक्रिया समय में लगभग 30 प्रतिशत की गिरावट
- प्राइमरी टेस्टिंग में 95 प्रतिशत टिकट बुकिंग सफलता
तत्काल प्रभाव
नई प्रणाली के कारण यात्रियों को टिकट बुकिंग में सहूलियत हुई है, जिससे रेलवे काउंटरों पर भीड़ कम हुई है। डिजिटल भुगतान की व्यवस्था ने नकद भुगतान पर निर्भरता घटाई है। इससे रेलवे स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन में सुधार हुआ है, जो कोविड-19 महामारी से निपटने में सहायक है।
प्रतिक्रियाएँ
सरकार ने इसे सार्वजनिक सेवाओं में सुधार का बड़ा कदम बताया है। विपक्ष ने इसे अच्छा प्रयास माना लेकिन ट्रेन टिकट उपलब्धता को लेकर चिंता जताई। रेलवे विशेषज्ञों ने कहा कि यह प्रणाली यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाएगी। उद्योग जगत ने इसे डिजिटल इंडिया पहल का प्रभावी अंग बताया है।
आगे क्या?
रेल मंत्रालय ने कहा है कि अगले छह महीनों में इस तकनीक को सभी मुख्य लाइन और बड़े स्टेशनों पर लागू किया जाएगा। साथ ही यात्री सुविधा केंद्रों पर नई प्रणाली के प्रशिक्षण अभियान चलाए जाएंगे। भविष्य में और उन्नत तकनीकों के समावेश पर भी विचार किया जा रहा है।
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